बलिया में 5 सरकारी शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने पर बर्खास्त किए गए। जानिए पूरी जानकारी, सरकारी आदेश, और अगली कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 5 सरकारी टीचककों को बर्खास्त किया गया जिन्होंनने झूटे डोक्यूमेंट के जरिये नौकरी चाकर प्राप्त की थी। यह नाला यूपी की 69,000 चार्छा भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत जोइनिंग के समय का है जिसमें ऐसी खामियाओं की नियुक्ति की गई जिन्होंने योग्यता की चीत्र और क्ागजाती फर्जी दास्तावेज की देखाव की थी।
बर्खास्त शिक्षकों की सूची
- गुलाब चंद्र – प्राथमिक विद्यालय, सोहाव
- दिलीप कुमार यादव – कंपोजिट विद्यालय, सोनाडीह
- निवेदिता सिंह – त्रिकालपुर
- खुशबू प्रजापति – नसरथपुर
- स्निग्धा श्रीवास्तव – कभी अमेठी जिले में कार्यरत
जांच और साबित कार्यवाइयां
- जांच में यह पाया गया कि आवेदकन की अंतिम तारीख तक योग्यता ना होने की वजह छिपी गई थी।
- हाईकोर्ट की शर्णावली बेंच की कानूनी का अनुसार किया गया कि की आवेदन की अंतिम तारीख के बाद जो योग्यता चार्ह करता है, वे चयन के योग्य्य नहीं है।
- आज तक रिपोर्ट
आगे की कार्यवाइ और सावजनिक निर््देश
- क्षेत्र शिक्षा की चार्चांओं की पूरी ताकात जांच की जा �930ही है।
- नियमित कार्याओं की जांच चल रही है, जिन्होंनने ज्ञानपूर्वक की चेतावनी योग्य्यताएं नाहीं पूरी की थी।
- कानूनी की बैठक जाञच के कारणी है।
- अधिकारिक जांच की जांच जारी रही है।
प्रश्न:
जो जो लोग सरकारी नौकरी की उम्मीद हैं, उन्हें टाइम पर कानूनी और योग्यता की पूरी जांच का ध्यान रखना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. बलिया में किन शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है?
बलिया ज़िले में 5 सरकारी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, जिन पर 2018 में नौकरी जॉइन करते समय फर्जी दस्तावेज़ लगाने का आरोप है।
2. बर्खास्तगी की मुख्य वजह क्या रही?
इन शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति के दौरान फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जो जाँच के बाद साबित हो गया।
3. क्या यह मामला केवल बलिया तक सीमित है?
नहीं, उत्तर प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं। यह सरकार की व्यापक छानबीन का हिस्सा है।
4. जांच किसने की और निष्कर्ष क्या निकला?
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की टीम ने सभी दस्तावेजों की पुष्टि कराई, जिसमें फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
5. क्या बर्खास्त शिक्षकों पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ है?
अभी तक FIR की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन शिक्षा विभाग ने कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है।
6. क्या इनकी सैलरी भी जब्त की जाएगी?
बर्खास्तगी के बाद सेवा के दौरान दी गई सैलरी की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है, नियमों के अनुसार।
7. क्या अभ्यर्थियों को अब ओरिजिनल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा?
हाँ, भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और सख्त की जा रही है।
8. इस तरह के मामलों में सरकार क्या कदम उठा रही है?
सरकार अब डिजिटली वेरिफायबल डिग्री और प्रमाणपत्रों को अपनाने की दिशा में काम कर रही है।
9. क्या पीड़ित छात्र/छात्राएं कहीं शिकायत दर्ज कर सकते हैं?
हाँ, कोई भी व्यक्ति इस तरह के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी या RTI के ज़रिए जानकारी मांग सकता है।
10. इस मामले से हमें क्या सीख मिलती है?
सरकारी नौकरी में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दस्तावेजों की प्रमाणिकता सर्वोपरि है। फर्जीवाड़ा अंततः पकड़ में आ ही जाता है।